Wednesday 30 November 2011

ब्राह्मण परिचय मेरी कविता में

मैं ब्राह्मण हूँ,
धर्म युद्ध को सदैव तत्पर,कर्तव्य हेतु सदैव अग्रसर;
परशुराम का हूँ मैं वंशज और उच्च कुल मैं रावण हूँ
मैं ब्राह्मण हूँ,
सनातनो का मैं हूँ वाहक ,वेद-पुरानो का मैं पालक ;
दत्तात्रेय सा मैं हूँ श्रेष्ठ ,दुस्तो का हूँ मैं संहारक
नहीं प्रशंसा का मैं चाहक,द्रव्यों का ना मैं ग्राहक
समस्त जीवो में प्रभु राम का अति-प्रिय हूँ ;
मैं ब्राह्मण हूँ,
अविरल है अपनी ज्ञान की गंग,ब्रह्मा का मैं विशेष अंग;
सतयुग से अब तक अभंग,कपट से अपने कर हैं तंग;
जीवो के हम है आद ,शाश्त्रो के हम शंखनाद
गुण में श्रेष्ठ निर्विवाद ,औ जन हित का मैं तोरण हूँ
मैं ब्राह्मण हूँ,
कर्मकांड का मैं परिचायक,मुक्तिमार्ग का मैं हू नायक;
दिव्य भूमि का मैं अधिनायक,भक्ति भाव का मैं गायक;
काँधे पर उपवीत रखे हूँ ,चोटी को निज शीश धरे हूँ ;
सद्मार्ग पर ले जाने वाला जीवन का मैं आचरण हूँ!!
मैं ब्राह्मण हूँ,.....................................................!!!!!!!
(विवेक मिश्र )